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Hari Joshi
Hari Joshi (Hindi: हरि जोशी, born Khudia in Harda district, Madhya Pradesh, 17 November 1943) is a Hindi writer, satirist, novelist and poet.〔List of Hindi-language authors〕〔(हरि जोशी )〕〔( “व्यंग्य श्री सम्मान-2013” से नवाज़े जाएंगे ... ) 7 February 2013 – नई दिल्ली (राजेश शर्मा)- 17 नवंबर 1943 को मध्य प्रदेश के हरदा जिले में जन्मे विख्यात व्यंग्यकार हरि जोशी साहित्य क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। साहित्य क्षेत्र में दिए जाने वाले देश-विदेश के विभिन्न विख्यात ..."〕〔(वर्ष 2013 का व्यंग्यश्री सम्मान (17वां) व्यंग्यकार ) 15 February 2013 – हरि जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के हरदा जिले में17 नवंबर 1943 को हुआ था. वर्ष 2012 व्यंग्यश्री सम्मान व्यंग्यकार डॉ. हरीश नवल को दिया गया. इस सम्मान की शुरूआत वर्ष 1997 में की गई. यह सम्मान प्रतिवर्ष श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाकार को दिया ..."〕〔(Sahitya Kunj – डॉ. हरि जोशी – Dr. Hari Joshi ) 8 November 2007 – हरि जोशी. जन्म : दिनांक 17 नवंबर 1943, ग्राम खूदिया, तहसील खिरकिया, जिला होशंगाबाद मध्यप्रदेश। शिक्षा : एम.टेक., पी.एच.डी (रेफ्रीजेरेशन). सम्प्रति : सेवानिवृत्त प्राध्यापक, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, ..."〕 He is a noted writer of modern Hindi literature and is known for his sharp satire.〔http://www.pravasiduniya.com/greatness-of-shortcut-hari-joshi〕 On 13 February 2013, he received the prestigious "Vyangya Shree Samman".〔(हरि जोशी को मिलेगा 2013 का व्यंग्यश्री ) गोपालप्रसाद व्यास के जन्मदिन पर दिया जाने वाला 'व्यंग्यश्री सम्मान' इस वर्ष चर्चित व्यंग्यकार हरि जोशी को दिया जाएगा। लेखक, व्यंग्यकार हरि जोशी का जन्म 17 नवंबर 1943 को ग्राम खूदिया ( तहसील खिरकिया, जिला हरदा, म.प्र.) में हुआ। जोशी जी ...〕 He is also a recipient of "Vageeshwari Samman" for his book "Vyangya ke Rang" in 1995 and recipient of "Madhya Pradesh Lekhak Sangh Samman" in 2002 and "Sahitya Maneeshi Samman" in 2013. == Early life ==
Born in a remote village, Khudia, Hari Joshi grew up with ten siblings in a place lacking basic amenities such as post office, police station, medical clinic etc. In 1949, Hari Joshi moved to Harda to pursue primary education. After completing fifth grade in 1954, he moved to Bhopal for further education and later pursued a career in engineering. He completed his PhD in Refrigeration from Maulana Azad National Institute of Technology (MANIT). He retired as a Professor of Mechanical Engineering from Government Engineering College Ujjain (M.P.) in 2004. He has lived in Bhopal since then
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